19. नीचे पूछे गए प्रश्न संख्या 1-5 के उत्तर दिए गए गद्यांश के आधार पर दीजिए।
विदेशी भाषाओं या दूसरों की भाषाओं को पढ़ने से पहले अपनी राष्ट्रभाषा और (1) ______ का ज्ञान नितांत आवश्यक है। अपनी भाषा में हृदय बोलता है, इससे माँ की ममता, राष्ट्रीय संबंधों का माधुर्य और अपने को जानने–पहचानने की सरलता रहती है। अपनी भाषा में अपनापन रहता है। इसके लिए हमें विशेष श्रम नहीं करना पड़ता, व्यर्थ की (2) ______ और समय की बर्बादी नहीं करनी पड़ती। हिंदी हमारी मातृभाषा है। इसलिए इसके व्यवहार में हमें जितनी सहजता और सुविधा का बोध होता है, उतनी सहजता और सुविधा का बोध विदेशी भाषाओं में नहीं होता। कारण यह है कि हिंदी हम घर – बाहर सभी जगह बोलते हैं, इसी में हम अपने मन में बातें सोचते हैं, किसी (3) ______ भाषा में नहीं। इसीलिए भाषा हर तरह की शिक्षा का माध्यम होती है, चाहे वह अन्य किसी भाषा की शिक्षा हो या कला कारीगरों की। अगर हम कोई विदेशी भाषा सीखते हैं तो अपनी मातृभाषा के माध्यम से ही। इसलिए अब हम किसी दूसरी सीखी हुई भाषा को बोलते हैं, तो मातृभाषा में मन में जो हम सोचते हैं, वह उसी का (4) ______ होता है। इसलिए इसके बिना हम रह नहीं सकते। यह हमारे दैनिक जीवन के साथ (5) ______ है। जैसे – दूध में पानी घुला होता है उसी तरह मातृभाषा में भी हमारी माँका संस्कार, उसका प्यार और मिठास है। अतः अपनी भाषा सर्वोपरि है। भाषाओं के अध्ययन में इसी का सबसे ऊँचा स्थान है। यही कारण है कि सभी सभ्य देशों में शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से दी जाती है।
‘किसी के कहने के बाद कहना’ इस वाक्यांश के लिए उपयोग किए जाने वाले एक शब्द से रिक्त स्थान (4) की पूर्ति कीजिए।